इंदौर/कोरोना की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे शासकीय स्वास्थ्य विभाग,समस्त प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक, मेडिकल स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियन व अन्य संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी प्रतिदिन लगभग 20-20 घंटे तक कार्य कर रहे हैं।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने बताया कि शहर में पूर्णतया लॉक डाउन होने से अनेक व्यवस्थाएं स्थगित भी हैं। ऐसे में प्रायः यह देखने में आ रहा है कि उक्त कार्य में लगे व्यक्तियों को, जो किराए के घर में निवास कर रहे हैं, से उनके मकान मालिकों द्वारा किराए के भुगतान हेतु परेशान किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि इतना महत्वपूर्ण कार्य कर रहे ये व्यक्ति जो अपने परिवार की चिंता किए बगैर फील्ड में कार्य कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मकान मालिकों द्वारा इस वक्त किराए की राशि की मांग हतोत्साहित करने वाली है।
कलेक्टर श्री मनीष ने निर्देश दिए कि दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत कोरोना की रोकथाम से संबंधित कार्य कर रहे उक्त सभी व्यक्तियों से उनके मकान मालिक द्वारा माह मार्च की किराए की राशि (जो अप्रैल में देय है) को प्राप्त करने हेतु किसी भी प्रकार का दवाब नहीं डाला जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की समस्या के समाप्त होने के बाद मकान मालिक किराएदार से किराए की राशि का भुगतान प्राप्त कर सकेगा।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कोई भी मकान मालिक इस कार्य में लगे व्यक्तियों को ड्यूटी अथवा फील्ड से घर लौटने पर पाबंदी नहीं लगाएगा। ना ही किसी और प्रकार का विरोध करेगा। इस आदेश का उल्लंघन दंड विधान संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।