इंदौर/बाणगंगा स्थित शासकीय अस्पताल के नामकरण का विवाद थमता नजऱ नही आ रहा। एक तरफ जहां मध्यप्रदेश शासन के मंत्रियों द्वारा पूर्व विधायक के नाम पर नामकरण करने की घोषणा हुई , वही दूसरी तरफ राजपूत समाज की नाराजगी एक बड़े आंदोलन की तैयारी में है। राजपूत समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने इस संबंध में कलेक्टर लोकेश जाटव से मिलकर अपनी बात रखी।
नगर निगम परिषद द्वारा बाणगंगा स्थित शासाकीय अस्पताल का नाम वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप के नाम पर किये जाने का प्रस्ताव पास किया जा चुका था, लेकिन सरकार के बदलने के बाद मौजूदा कोंग्रेस सरकार ने उनकी ही पार्टी के पूर्व विधायक के नाम पर इस अस्पताल का नाम रखने की घोषणा की, जिससे राजपूत समाज मे रोष है। विधायक उषा ठाकुर के साथ पूर्व महापौर डॉक्टर उमा शशि शर्मा, एम आई सी सदस्य पार्षद संतोष सिंह गौर, पार्षद एड. ज्योति तोमर , कंचन सिंह चौहान ,करणी सेना के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हिमांशु सिंह गौड़ ,अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह सोलंकी , ठाकुर जगदीश सिंह , गोविन्द सिंह परिहार , भाजयुमो जिला अध्यक्ष श्रवण सिंह चावड़ा , पूर्व पार्षद राजेन्द्र रघुवंशी , पराग कौशल , महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष अशोक दीक्षित , करणी सेना के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हिमांशु सिंह गौड़ , सरपंच राजेन्द्र सिंह बुडानिया सहित कई वरिष्ठ जन के नेतृत्व में राजपूत समाजजनों के एक प्रतिनिधि मंडल ने अस्पताल के नाम को लेकर कलेक्टर लोकेश जाटव से गुरुवार को मुलाकात कर उन्हें मामले से अवगत कराते हुए अस्पताल का नाम महाराणा प्रताप के नाम करने की मांग की। कलेक्टर ने उनकी बातों को ध्यान से सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन भी मौजूद थे। इस अवसर भवर ठाकुर , मनोज तिवारी , मान सिंह राजावत , रमेश मोहिते,डॉक्टर आर एन मिश्रा ,राहुल ठाकुर , हितेंद्र सिंह चौहान उपस्थित थे ।